Sep 12, 2024
जहां सारे देश बढ़ते सोशल मीडिया के अपराधो से परेशान है वहीं ऑस्ट्रेलिया जैसे देश अपराधो को कम करने के लिए तैयारी कर रहा हैं । मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया सरकार ने कहा है की बच्चों की सोशल मीडिया पर मिनिमम एज लिमिट 14 से 16 वर्ष के बीच इस साल के अंत तक सेट की जाएगी । ऑस्ट्रेलिया सरकार ने इस नए कानून को लागू करने का कारण बच्चों को डिजिटल मीडिया के क्रेज़ से दूर करने और खेल कूद में इंटरेस्ट रखने के लिए बताया हैं ।
प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने कहा , "मैं बच्चों को मोबाइल, लैपटॉप जैसे डिवाइस से दूर करना चाहता हूं , और आउटडोर गेम जैसे फुटबॉल , टेनिस, हॉकी, बास्केटबॉल के लिए प्रेरित करना चाहता हूं । साथ ही कहा कि जो कंपनियां मिनिमम एज लिमिट से कम बच्चों को सोशल मीडिया एप पर अनुमति देगी उन्हें जुर्माना भी भरना पढ़ सकता है।
बच्चों का सोशल मीडिया पर रोक का यह कदम ऐसे समय में लिया जा रहा है, जब देश हर रोज सोशल मीडिया से बढ़ते क्राइम से लड़ रहा है। यह कदम ऑस्ट्रेलिया में इसलिए भी महत्वपूर्ण है ,क्योंकि पेरेंट्स अपने बच्चों की ऑनलाइन सेफ्टी को लेकर परेशान हैं और बढ़ते सोशल मीडिया के क्रेज़ और क्राइम को रोकने के लिए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
सोशल मीडिया से बच्चों को होने वाले नुकसान –
. अधिकतर समय सोशल मीडिया पर बिताने से बच्चों में मानसिक तनाव बढ़ता है।
. सोशल मीडिया पर नकारात्मक चीजें देखने से बच्चों में नकारात्मकता बढ़ती है ।
. साइबर बुलिंग जैसे मुद्दे बच्चों में डर फैलाते हैं।
. बढ़ते सोशल मीडिया के क्रेज़ से बच्चों के विचारो को आसानी से बदला जा सकता है।
. सोशल मीडिया का ज़्यादा इस्तेमाल बच्चों में चिड़चिड़ापन , चिंता , और नींद न पूरी होने जैसी कई समस्याएं बड़ा सकती हैं।
. साथ ही सोशल मीडिया का उपयोग बच्चों को मोबाइल एडिक्ट भी बना सकती हैं।
