Jul 26, 2025
‘I Love You’ बोलना अपराध नहीं: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक अनोखे मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। धमतरी जिले में एक 15 वर्षीय लड़की ने शिकायत की थी कि एक युवक ने स्कूल से लौटते समय उसे ‘I Love You’ कहा। इस मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि केवल यह कहना यौन उत्पीड़न की श्रेणी में नहीं आता, जब तक यौन इरादा साबित न हो। ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए सरकार की अपील खारिज कर दी गई।
मामले की पृष्ठभूमि
धमतरी के कुरूद थाना क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की ने शिकायत दर्ज की थी कि एक युवक ने उसे ‘I Love You’ कहा। पुलिस ने इस आधार पर आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 354D (पीछा करना), 509 (लज्जा भंग), पॉक्सो एक्ट की धारा 8 और SC/ST एक्ट की धारा 3(2) VA के तहत मामला दर्ज किया। ट्रायल कोर्ट ने सबूतों के अभाव में आरोपी को बरी कर दिया था, जिसे राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
हाईकोर्ट का निर्णय
जस्टिस संजय एस. अग्रवाल की एकल पीठ ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के 2021 के फैसले का हवाला दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पॉक्सो एक्ट की धारा 7 के तहत यौन उत्पीड़न तभी माना जाएगा, जब यौन मंशा सिद्ध हो। पीड़िता और उसकी सहेलियों की गवाही से यौन इरादा साबित नहीं हुआ। साथ ही, पीड़िता की उम्र और जाति की जानकारी के अभाव में SC/ST एक्ट भी लागू नहीं हुआ।
फैसले का महत्व
हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि बिना ठोस सबूतों के किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। यह निर्णय कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह यौन उत्पीड़न के मामलों में इरादे और सबूतों की भूमिका को रेखांकित करता है।