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तीन हजार करोड़ का व्यापार प्रभावित: वाघा-अटारी बॉर्डर बंद होने से पाकिस्तान को होगा ये नुकसान

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Apr 24, 2025

तीन हजार करोड़ का व्यापार प्रभावित: वाघा-अटारी बॉर्डर बंद होने से पाकिस्तान को होगा ये नुकसान

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में कल हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सख्त रवैय अपनाते हुए  भारत और पाकिस्तान के बीच अटारी-वाघा सीमा बंद कर दी गई है। भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए हैं तथा उन्हें 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया है। सूत्रों के मुताबिक भारत अब पाकिस्तान को माल निर्यात बंद करने की भी तैयारी कर रहा है।

ये वस्तुएं भारत से पाकिस्तान भेजी जाती हैं।

भारत से पाकिस्तान को कई प्रकार की खाद्य वस्तुएं निर्यात की जाती हैं, जो दैनिक जीवन में उपयोगी होती हैं, जैसे विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां, जिनमें आलू, प्याज, लहसुन आदि शामिल हैं। जबकि दालें, छोले और बासमती चावल भी भेजे जाते हैं। इसके अलावा पाकिस्तान भारत से आम और केले जैसे कई मौसमी फलों का भी आयात करता है।

भारतीय चाय पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। असम और दार्जिलिंग से सुगंधित चाय की पत्तियां भी पाकिस्तान भेजी जाती हैं। इसके अलावा भारत पाकिस्तान को मिर्च, हल्दी, जीरा जैसे विभिन्न प्रकार के मसाले भी भेजता है। इसके साथ ही भारत से पाकिस्तान को निर्यात की जाने वाली अन्य वस्तुओं में जैविक रसायन, दवाइयां, चीनी और मिष्ठान्न शामिल हैं।

पाकिस्तान से भारत में क्या आता है?

पाकिस्तान से भारत आने वाली वस्तुओं में सीमेंट, सिंधु नमक, मुल्तानी मिट्टी, कपास, चमड़ा और कुछ चिकित्सा उपकरण शामिल हैं। इसके अलावा पेशावरी चप्पल और लाहौरी कुर्ता भी पाकिस्तान से भारत में आयात किया जाता है।

अटारी पाकिस्तान से एकमात्र स्थल व्यापार मार्ग है।

अमृतसर से सिर्फ 28 किलोमीटर दूर स्थित अटारी भारत का पहला स्थलीय बंदरगाह है। भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार केवल अटारी-वाघा सीमा के माध्यम से होता है, इसलिए 120 एकड़ में फैला और सीधे राष्ट्रीय राजमार्ग-1 से जुड़ा यह चेक प्वाइंट व्यापार, विशेषकर अफगानिस्तान से आयात में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

पिछले कुछ वर्षों में अटारी-वाघा कॉरिडोर पर व्यापार कई उतार-चढ़ाव से गुजरा है। वर्ष 2017-18 और वर्ष 2018-19 में जहां यह व्यापार 4100-4300 करोड़ रुपये के बीच था, वहीं वर्ष 2019-20 में यह घटकर 2772 करोड़ रुपये और वर्ष 2020-21 में 2639 करोड़ रुपये रह गया।

वर्ष 2022-23 में व्यापार में और गिरावट आई और यह केवल 2257.55 करोड़ रुपये रह गया। हालांकि, 2023-24 में दोनों देशों के बीच व्यापार बड़ी उछाल के साथ 3886 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। 2023-24 में इस मार्ग से 6,871 ट्रक गुजरे तथा 71,563 यात्रियों की आवाजाही दर्ज की गई।

Report By:
Monika