Jan 17, 2024
रामलला के निधन समारोह में कई राजनेताओं को न्योता दिया गया है. इसमें कांग्रेस समेत विपक्ष के कई सहयोगियों ने निमंत्रण को खारिज कर दिया और राम मंदिर के उद्घाटन समारोह को बीजेपी का राजनीतिक कार्यक्रम करार दिया. इन सबके बीच एक और दिग्गज और कद्दावर नेता शरद पवार ने राम मंदिर का न्योता स्वीकार नहीं किया है.
शरद पवार ने पत्र में क्या कहा...
राम मंदिर ट्रस्ट ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा था। इसके जवाब में शरद पवार ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को पत्र लिखा. उन्होंने कहा कि मैं 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगा लेकिन मैं अपना समय निकालकर किसी दिन दर्शन के लिए आऊंगा और तब तक राम मंदिर का निर्माण कार्य भी पूरा हो जाएगा.
राम मंदिर उद्घाटन पर क्या है कांग्रेस का रुख?
कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना (यूबीटी) समेत ज्यादातर विपक्षी सहयोगियों ने कार्यक्रम से दूरी बनाए रखने का ऐलान किया है. कांग्रेस ने इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह को बीजेपी और आरएसएस का कार्यक्रम बताया. इस बीच कल भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राम मंदिर के उद्घाटन पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि यह एक राजनीतिक कार्यक्रम बन गया है. यहां तक कि हिंदू धर्म के प्रमुख लोगों (शंकराचार्य) ने भी कहा है कि यह कोई धार्मिक आयोजन नहीं है.