Aug 7, 2025
सात साल बाद चीन जाएंगे पीएम मोदी: भारत-चीन संबंधों में क्या बदलेगा
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) शिखर सम्मेलन के लिए चीन की यात्रा कर सकते हैं। यह 2018 के बाद उनकी पहली चीन यात्रा होगी और पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध के बाद पहला अवसर। इस यात्रा से भारत-चीन संबंधों में स्थिरता और व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा मिल सकता है।
सीमा पर शांति और सहयोग की दिशा
मोदी ने अक्टूबर 2024 में कजान ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने सीमा पर शांति और स्थिरता को प्राथमिकता बताया। दोनों नेताओं ने आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता पर जोर दिया। शी जिनपिंग ने कहा कि मतभेदों को संभालते हुए संवाद और सहयोग बढ़ाना जरूरी है। यह मुलाकात सीमा पर गश्त संबंधी समझौते के बाद हुई थी, जो द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
व्यापार और कनेक्टिविटी में प्रगति
जून 2024 में भारत और चीन ने व्यापार और आर्थिक मुद्दों पर वार्ता की सहमति जताई थी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री और चीनी उप विदेश मंत्री सुन वेइदोंग के बीच नई दिल्ली में हुई बैठक में सीधी हवाई सेवाओं को फिर से शुरू करने पर जोर दिया गया, जो 2020 से बंद हैं। यह कदम दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देगा।
वैश्विक मंच पर प्रभाव
यह यात्रा भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने के साथ वैश्विक मंच पर दोनों देशों की भूमिका को रेखांकित करेगी। हालांकि, क्या यह अमेरिका जैसे देशों पर दबाव बढ़ाएगा, यह भविष्य की कूटनीति पर निर्भर करेगा।