Aug 16, 2025
भारत विभाजन 1947: एनसीईआरटी मॉड्यूल में जिन्ना, कांग्रेस, माउंटबेटन जिम्मेदार
एनसीईआरटी ने 'विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस' के लिए कक्षा 6-8 और सेकेंडरी स्कूलों के लिए विशेष मॉड्यूल तैयार किया है। यह 14 अगस्त को मनाए जाने वाले इस दिन के महत्व को दर्शाता है। मॉड्यूल 1947 के भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दर्दनाक इतिहास और उससे मिली सीख को समझाता है। इसमें जिन्ना, कांग्रेस और माउंटबेटन को विभाजन का जिम्मेदार बताया गया है, जिसने लाखों जिंदगियों को प्रभावित किया।
विभाजन की जिम्मेदारी
मॉड्यूल के अनुसार, 1940 के लाहौर प्रस्ताव में जिन्ना ने हिंदू-मुस्लिम समुदायों को अलग बताया, जिसने बंटवारे की मांग को बढ़ाया। ब्रिटिश सरकार ने डोमिनियन स्टेटस की योजना दी, पर कांग्रेस ने इसे ठुकरा दिया। माउंटबेटन ने 1947 में जल्दबाजी में बंटवारा लागू किया, जिससे हिंसा और अराजकता बढ़ी। मॉड्यूल कहता है कि यह गलत सोच और परिस्थितियों का परिणाम था।
नेताओं के विचार
सरदार पटेल ने बंटवारे को गृहयुद्ध से बचने का रास्ता माना। गांधी इसके खिलाफ थे, पर कांग्रेस की सहमति के बाद उन्होंने विरोध छोड़ दिया। माउंटबेटन ने कहा कि बंटवारा भारतीय नेताओं की सहमति से हुआ, लेकिन जल्दबाजी उनकी गलती थी। नेहरू और पटेल ने गृहयुद्ध के डर से इसे स्वीकार किया।
विवादास्पद दावे
आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा कि आरएसएस और हिंदू महासभा भी बंटवारे के समर्थक थे। उन्होंने जिन्ना के साथ-साथ इन्हें भी जिम्मेदार ठहराया, जिससे इतिहास की व्याख्या पर विवाद बढ़ा है। मॉड्यूल का उद्देश्य छात्रों को इतिहास से सीख देना है।