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Mp Update: अब गांव में भी रुक सकेंगे पर्यटक, जाने पूरी खबर

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Aug 9, 2022

मध्यप्रदेश में पर्यटकों को गांव में रात रुकने और ठहरने का मौका मिलेगा। प्रदेश की संस्कृति से रूबरू कराने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा ग्रामीण पर्यटन परियोजना के तहत ग्रामीणों को 2 लाख रुपए तक मिलेंगे। परियोजना के पहले चरण में पर्यटन स्थलों के पास वाले 100 गांवों में कार्य किया जा रहा है। इन गांवों में पर्यटकों को ग्रामीण परिवेश का अनुभव उपलब्ध कराने के लिए आवासीय सुविधा के साथ-साथ विभिन्न पर्यटन गतिविधियों का संचालन किया जाएगा।

होम स्टे बनाए जाएगे
इसमें एक हजार परिवारों के माध्यम से पर्यटकों को आवासीय सुविधा प्रदान करने के लिए होम स्टे कमरों का नवीन निर्माण/उन्नयन किया जाएगा। इस प्रकार 100 गांवों में अधोसंरचना निर्माण में मप्र टूरिज्म विभाग द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। विकास के लिए चयनित गांवों में होम स्टे निर्माण/उन्नयन की स्थापना लागत का 40% प्रतिशत अनुदान, नवीन होम स्टे निर्माण के लिए अधिकतम 2 लाख रुपए तथा विकसित करने के लिए अधिकतम 1 लाख 20 हजार रुपए दिया जाता है।

ये होंगी सुविधाएं
पर्यटकों के ठहरने की उत्तम व्यवस्था, स्थानीय भोजन, स्थानीय कला एवं हस्त कला, लोकसंगीत एवं नृत्य, स्थानीय खेल कूद, कौशल उन्नयन, 20 हजार ग्रामीणों का रोजगार देना लक्ष्य।

ग्रामीण पर्यटन अंतर्गत स्थापित होम स्टे को मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा संचालित चारों योजनाओं (मध्यप्रदेश ग्राम स्टे योजना (पंजीयन तथा नियमन) योजना 2919/ मध्यप्रदेश फार्म स्टे योजना (पंजीयन तथा नियमन) योजना 2019 / मध्यप्रदेश बेड एंड ब्रेकफास्ट स्थापना (पंजीयन तथा नियमन) योजना 2019 / मध्यप्रदेश होमस्टे स्थापना (पंजीयन तथा नियमन) योजना 2010 (संशोधित 2018) में से नियमानुसार संबंधित योजना में पंजीयन कराना होगा।

परियोजना के पहले चरण में लगभग 100 गांवों में पर्यटकों को ग्रामीणों को परिवेश का अनुभव कराने के लिए पर्यटन गतिविधियां संचालित की जाएगी। इसमें हर गांव लगभग 10 परिवार के हिसाब से 1 हजार परिवारों में पर्यटकों को आवासीय सुविधा प्रदान करने के लिए एक हजार होमस्टे कक्षों का निर्माण/विकसित किया जाएगा। इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 20 हजार ग्रामीण परिवारों को रोजगार मिलेगा। ग्रामीण पर्यटन परियोजना के प्रमुख घटकों में ठहरने की उत्तम व्यवस्था, स्थानीय भोजन, स्थानीय कला एवं हस्तकला, लोक संगीत एवं नृत्य, स्थानीय खेलकूद और कौशन उन्नयन शामिल है।