Apr 27, 2025
मध्य प्रदेश में महिला अपराध: बढ़ती चिंताएं और नयी रिपोर्ट्स
पिछले पांच वर्षों में बलात्कार के मामलों में भारी वृद्धि
मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की स्थिति दिनोंदिन चिंताजनक होती जा रही है। वर्ष 2024 के आंकड़े दर्शाते हैं कि प्रदेश में औसतन प्रतिदिन 20 बलात्कार के मामले दर्ज हो रहे हैं। कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय के लिखित प्रश्न के जवाब में दी गई जानकारी में यह स्पष्ट हुआ कि 2020 में बलात्कार के मामले 6134 थे, जो अब 2024 में बढ़कर 7294 तक पहुंच गए हैं, यानी लगभग 19% की वृद्धि।
बढ़ती घटनाओं के आंकड़े और जिलों में अंतर
बलात्कार के मामलों में इस बढ़ोतरी के बावजूद, कुछ जिलों में आंकड़े कम हुए हैं। उदाहरण स्वरूप, जबलपुर और बालाघाट जिलों में क्रमशः 15% और 33% की कमी आई है, जबकि झाबुआ जिले में 158% की भारी वृद्धि देखी गई है। इंदौर शहर में भी 103% का उछाल देखा गया है। इस बढ़ती संख्या ने प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
न्याय व्यवस्था की स्थिति: सजा की दर में भारी कमी
सजा की दर भी इस मुद्दे पर गंभीर सवाल उठाती है। पिछले पांच वर्षों में बलात्कार के मामलों में केवल 33% मामलों में सजा हुई, जबकि 77% मामले बरी हुए। यह आंकड़ा महिला अपराधों के प्रति न्याय प्रणाली की कमजोरी को उजागर करता है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मामलों में भी सजा की दर बेहद कम रही है, जहां 22% और 23% ही दोषी करार दिए गए हैं।
महिला सुरक्षा के मामले में प्रदेश की स्थिति गंभीर
मध्य प्रदेश में हर साल लगभग 400 महिला अपराध से जुड़े मामले दर्ज होते हैं, जिसमें बलात्कार, छेड़छाड़ और अन्य महिला अपराध शामिल हैं। इन बढ़ते मामलों ने समाज और प्रशासन दोनों को जागरूक होने की आवश्यकता का संकेत दिया है। खासकर, प्रदेश के बड़े शहरों में इन अपराधों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, जिससे महिला सुरक्षा के प्रति गंभीर चिंताएं उठ रही हैं।
मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए एक बड़ी चेतावनी भी है। यह संकेत देता है कि महिला सुरक्षा के मामलों में ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है, ताकि आने वाले वर्षों में महिलाओं को एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिल सके।