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उत्तराखंड के सीतावनी मंदिर में सीता माता के साथ विराजमान हैं लव और कुश की प्रतिमाएं

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Jan 18, 2024

इस समय पूरा देश राममय हुआ है. पूरा देश राम भक्ति में डूबा है. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम भी जोरों पर चल रहा है. 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन होना है. उससे पहले आज हम आपको ऐसी जगह के बारे में बताएंगे, जहां सीता माता का मंदिर है. यहां पर लव और कुश की प्रतिमाएं भी सीता माता के साथ विराजमान हैं, यह मंदिर पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आता है.

रामनगर से 25 किलोमीटर दूर रामनगर वन प्रभाग के कोटा रेंज में आने वाला सीतावनी क्षेत्र न केवल आध्यात्मिक रूप से अपनी पहचान बनाए हुए है, बल्कि अब पर्यटन के क्षेत्र में भी प्रसिद्धि पा चुका है. सीतावनी मंदिर को त्रेता युग का बताया जाता है. सीतावनी मंदिर वाल्मीकि समाज के लोगों के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है. रामनगर से इसकी दूरी 25 किलोमीटर है. सीतावनी क्षेत्र घने जंगल के बीच में स्थित है. यह कॉर्बेट से लगा हुआ क्षेत्र है. यहां पर बाघ, भालू, हाथियों के अलावा कई प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं. आपको बता दें कि अभी माता सीता के नाम से रामनगर वन प्रभाग का सीतावनी पर्यटन जोन चलता है. यहां पर 40 जिप्सियां सुबह की पाली में और 40 जिप्सियां शाम की पाली में पर्यटकों को सफारी पर लेकर जाती हैं. वहीं अब पवलगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व का नाम बदलकर सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व रखने की घोषणा की जा चुकी है.