Jun 27, 2025
जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: पुरी से लेकर नासिक, मणिपुर गुजरात और बंगाल तक उमड़ा भक्तों का सैलाब
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 27 जून 2025 को पूरे देश में श्रद्धा और उत्साह के साथ शुरू हुई। ओडिशा के पुरी में शुरू होने वाली यह विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक जाती है। इस 12 दिवसीय उत्सव में लाखों भक्त भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के दर्शन और रथ खींचने के लिए उमड़ पड़े। पुरी के साथ-साथ नासिक, मणिपुर, गुजरात, बंगाल और अन्य स्थानों पर भी रथ यात्रा का भव्य आयोजन हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को इस पावन अवसर पर शुभकामनाएं दीं।
पुरी में रथ यात्रा की भव्य शुरुआत
पुरी में आज सुबह से ही भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की धूम मची हुई है। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा को उनके भव्य रथों- नंदीघोष, तालध्वज और दर्पदलन- पर विराजमान कर गुंडिचा मंदिर की ओर प्रस्थान किया गया। लाखों श्रद्धालुओं ने रथों को खींचने और दर्शन करने के लिए पुरी की सड़कों पर भीड़ लगाई। पुरी के गजपति महाराजा दिव्यसिंह देब ने 'छेरा पाहर्रा' अनुष्ठान किया, जिसमें वे रथों की सोने की झाड़ू से सफाई करते हैं, जो इस उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस बार यात्रा के लिए 10,000 सुरक्षाकर्मियों और 275 AI-सक्षम कैमरों के साथ कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
देशभर में रथ यात्रा का उत्साह
पुरी के अलावा, नासिक, मणिपुर, गुजरात, पश्चिम बंगाल और अन्य शहरों में भी रथ यात्रा का आयोजन धूमधाम से हुआ। अहमदाबाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रथ यात्रा में हिस्सा लिया। पश्चिम बंगाल के दीघा जगन्नाथ मंदिर में भक्तों ने उत्साहपूर्वक रथ खींचे, जबकि मणिपुर में स्थानीय परंपराओं के साथ यात्रा का आयोजन हुआ। कोलकाता में इस्कॉन द्वारा आयोजित रथ यात्रा ने भी भक्तों को आकर्षित किया। हर जगह भक्तों ने 'जय जगन्नाथ' और 'हरिबोल' के जयकारों के साथ उत्सव को और जीवंत बनाया।
रथ यात्रा का आध्यात्मिक महत्व
जगन्नाथ रथ यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। स्कंद पुराण और बमदेव संहिता के अनुसार, रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ के दर्शन और रथ खींचने से भक्तों के पाप नष्ट होते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह यात्रा भगवान जगन्नाथ की संधिनी शक्ति का प्रतीक है, जो भक्तों को बैकुंठ धाम की ओर ले जाती है। रथों की रस्सियों को छूने और रथ खींचने को अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।
सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम
इस वर्ष पुरी में रथ यात्रा के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था की गई है। पुरी के जिला मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ स्वैन ने बताया कि रथ यात्रा मार्ग पर लाखों भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) कमांडो और NDRF की टीमें भी तैनात की गई हैं। ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध है, और अनधिकृत ड्रोन को हटाने के लिए विशेष टीमें सक्रिय हैं। इसके अलावा, ईस्ट-कोस्ट रेलवे ने भक्तों की सुविधा के लिए 365 विशेष ट्रेनें चलाने की घोषणा की है।
शुभकामनाएं और डिजिटल प्रसारण
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रथ यात्रा के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा कि यह यात्रा भक्तों को दैवीय अनुभूति प्रदान करती है। पीएम मोदी ने भी भक्तों को शांति और समृद्धि की कामना की।
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