Jul 31, 2025
मध्य प्रदेश में भारी बारिश ने नर्मदा नदी को रौद्र रूप में ला दिया है। अमरकंटक से रायसेन, हरदा और महेश्वर तक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बांधों के गेट खुलने से पानी का बहाव और उग्र हो गया है। घाट, मंदिर और दुकानें जलमग्न हो चुकी हैं। प्रशासन ने ग्रामीण इलाकों में अलर्ट जारी कर लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
महेश्वर में जलमग्न घाट
खरगोन जिले के महेश्वर में नर्मदा नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। अहिल्या घाट, गणगौर घाट, काशी विश्वनाथ घाट और पेशवा घाट पूरी तरह डूब चुके हैं। ओंकारेश्वर बांध के 19 गेट खुलने से पानी की रफ्तार बढ़ी है। अहिल्या किले की ऊंची सीढ़ियों तक पानी पहुंच गया है। प्रशासन ने घाटों पर आवाजाही रोक दी है और बाणेश्वर मंदिर सहित कई मंदिर जलमग्न हो गए हैं।
हरदा और नेमावर में खतरा
हरदा जिले के हंडिया और नेमावर में नर्मदा नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी है। तवा डैम के गेट खुलने से जलस्तर 270 मीटर के आसपास पहुंच गया है। घाटों पर बने मंदिरों और दुकानों में पानी भर गया है। होमगार्ड की टीमें तैनात की गई हैं और लोगों को नदी किनारे न जाने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने राहत कार्यों के लिए सर्वे शुरू कर दिया है।
रायसेन में उफान पर नर्मदा
रायसेन जिले में भी नर्मदा नदी उफान पर है। ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है, जिसके चलते अलर्ट जारी किया गया है। नरसिंहपुर जिले में भी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने से स्थिति गंभीर है। मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने नाव से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया।
प्रशासन की सतर्कता
प्रशासन ने सभी प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। लोगों से नदी किनारे न जाने और सावधानी बरतने की अपील की गई है। बांधों से पानी छोड़े जाने की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।